खादी महोत्सव 2025 : यूपी के विभिन्न जिलों से आये 160 से अधिक उद्यमी स्वदेशी व ग्रामीण उत्पादों का कर रहे प्रदर्शन

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खादी महोत्सव 2025 का विशेष आकर्षण हैं कौशल विकास कार्यशालाएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम व आधुनिक उपकरणों का वितरण

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के तहत स्वावलंबन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खादी महोत्सव 2025 का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश की राजधानी में आयोजित दस दिवसीय खादी उत्सव 2025 में आधुनिक संदर्भ में स्वदेशी आंदोलन को पुनर्जीवित करने, स्वदेशी शिल्पकला, स्थानीय उद्यमिता और पारंपरिक कलाओं को एक बड़े पैमाने पर सर्व समावेशी मंच के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विशिष्टता को प्रदर्शित कर रहे हैं खादी के उत्पाद

राज्य के विभिन्न जिलों से 160 से अधिक उद्यमी इस महोत्सव में भाग ले रहे हैं, जो पारंपरिक उत्पादों की विविध श्रृंखला प्रस्तुत कर रहे हैं। हाथ से काती गई खादी के वस्त्रों से लेकर टेराकोटा कला, हर्बल उत्पादों, आभूषणों और पर्यावरण-अनुकूल वस्तुओं तक यह प्रदर्शनी उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विशिष्टता और विविधता को प्रदर्शित करती है। खादी महोत्सव में जहां एक ओर प्रदेश के विभिन्न जिलों के विशिष्ट शिल्प को जानने व खरीदने का अवसर मिल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण व कुटीर के उद्यमियों को अपने उत्पाद आमजन तक पहुंचाने का मंच भी मिल रहा है।

ग्रामीण उद्यमियों को किया जा रहा आधुनिक उपकरणों का वितरण

इस वर्ष खादी महोत्सव 2025 का एक प्रमुख आकर्षण लाभार्थियों को आधुनिक उपकरणों का वितरण किया जाना है। जिसके तहत दोना बनाने वाली मशीनें, पॉपकॉर्न यूनिट और इलेक्ट्रिक कुम्हार चाक शामिल हैं। यह पहल ग्रामीण व कुटीर उत्पादों की उत्पादकता बढ़ाने, महिला-नेतृत्व वाले व्यवसायों का समर्थन करने और ग्रामीण युवाओं के लिए सार्थक आजीविका के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। ऐसे कदम प्रदेश के परंपरागत व ग्रामीण के उद्योगों में तकनीकी उन्ययन व नवाचार को को बढ़ावा दे रहे हैं। जिससे न केवल उत्पादों की लागत में कमी आएगी बल्कि उनकी गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

कौशल विकास, ई-कॉमर्स, डिजिटल मार्केटिंग और पैकेजिंग पर आधारित कार्यशालाओं का आयोजन

बाजार स्थल और कौशल विकसित करने की जगह दोनों के रूप में डिजाइन किया गया यह खादी महोत्सव 2025 में कौशल विकास, ई-कॉमर्स, डिजिटल मार्केटिंग, पैकेजिंग और व्यवसाय प्रबंधन पर आधारित कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यशालाओं के माध्यम से खादी व ग्रामीण उत्पादों को स्थानीय बाजारों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक विस्तार करने एवं प्रदेश की अर्थव्यवस्था में स्वदेशी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। व्यवसाय और प्रशिक्षण गतिविधियों के साथ-साथ, सांस्कृतिक प्रदर्शन, लोक संगीत और पारंपरिक कला प्रदर्शनों ने आयोजन को जीवंतता प्रदान कर रहा है।

खादी महोत्सव 2025 स्वदेशी व ग्रामीण विकास के मंच के रूप में संचालित है, जहां परंपरा प्रौद्योगिकी से मिलती है, और ग्रामीण क्षमता आर्थिक शक्ति के रूप में परिवर्तित होने का अवसर मिलता है। खादी महोत्सव यह संदेश देता है कि स्वदेशी उद्योग न केवल भारत की परंपरागत व ऐतिहासिक पहचान हैं, बल्कि एक स्थायी, स्थानीय रूप से सशक्त और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भविष्य के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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